Saturday, July 27, 2019

किताब का जादू

मस्तिष्क का सर्वोत्तम भोजन पुस्तकें हैं । एक विचारक का कथन है कि मानव जाति ने जो कुछ सोचा, किया और पाया है, वह पुस्तकों में सुरक्षित है । मानव-सभ्यता और संस्कृति के विकास का पूरा श्रेय पुस्तकों को जाता है । पुस्तकों का महत्त्व और मूल्य बेजोड़ है । पुस्तकें अंतःकरण को उज्ज्वल करती हैं । अच्छी पुस्तकें मनुष्य को पशुत्व से देवत्व की ओर ले जाती हैं, उसकी सात्विक वृत्तियों को जागृत कर उसे पथभ्रष्ट होने से बचाती हैं एवं मनुष्य, समाज और राष्ट्र का मार्गदर्शन करती हैं । पुस्तकों का हमारे मन और मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव पड़ता है और वे प्रेरणादायक होती हैं । 
पुस्तकें मनोरंजन के क्षेत्र में भी मानव की सेवा करती हैं । यहाँ मनोरंजन का तात्पर्य केवल हास-विलास से नहीं है अपितु मनोरंजन का अर्थ गहन है । जो पुस्तकें पाठकों को गहराई से छू लेती हैं और उनके मन को रमा लेती हैं वे सच्चे अर्थों में मनोरंजक पुस्तकें हैं । जो पुस्तक पाठक को जितनी गहराई में ले जाती है, वह उतनी ही आह्लादकारी होती है । यों हल्के-फुल्के साहित्य का महत्त्व भी कम नहीं है । ऐसा साहित्य मनुष्य के तनाव को एक बड़ी सीमा तक कम कर देता है और उसके मुरझाए मन को खिला देता है । 
अच्छी पुस्तकें मानव को ज्ञान और मनोरंजन प्रदान करती हैं । विज्ञान, वाणिज्य, कला और क़ानून की पुस्तकें मानव के ज्ञान में वृद्धि करती हैं । इन्हें पढ़ कर मनुष्य अपने भीतर आंतरिक शक्ति का अनुभव करता है । सच्ची बात तो यह है कि पुस्तकें हमारी सच्ची मार्गदर्शक हैं । वे हमें नए-नए क्षेत्रों और रहस्यों का ज्ञान तो कराती ही हैं, साथ ही चिंतन और मनन के लिए भी बाध्य करती हैं । पुस्तकें मनुष्य की दुविधा को समाप्त कर दृढ़ संकल्प जगाती हैं । गाँधी जी गीता’ को माँ की संज्ञा देते थे क्योंकि प्रत्येक कठिन स्थिति में वह उनका मार्गदर्शन करती थी । 
पुस्तकें ऐसी मार्गदर्शक हैं जो न तो दंड देती हैं, न क्रोधित होती हैं और न ही प्रतिदान में कुछ माँगती हैं लेकिन साथ ही अपना अमृत-तत्त्व देने में कोई कोताही नहीं बरतती हैं। 
पुस्तकें मनुष्य को सच्चा सुख और विश्रांति प्रदान करती हैं । पुस्तक-प्रेमी सबसे अधिक सुखी होता है । वह जीवन में कभी शून्यता का अनुभव नहीं करता है । पुस्तकों पर पूरा भरोसा किया जा सकता है । 
विचारों के युद्ध में पुस्तकें ही अस्त्र हैं । पुस्तकों में निहित विचार सम्पूर्ण समाज की कायापलट करने में समर्थ हैं । आज का संसार विचारों का ही संसार है । समाज में जब भी कोई परिवर्तन आता है अथवा क्रान्ति होती है, उसके मूल में कोई न कोई विचारधारा ही होती है । श्रेष्ठ पुस्तकें समाज में नवचेतना का संचार करती हैं और समाज में जनजागृति लाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं । पुस्तकें पढ़ने से मनुष्य का दृष्टिकोण व्यापक हो जाता है और उसमें उदात्त-भावना आ जाती है। 
पुस्तकें ऐसी अमरनिधि हैं जो पिछली पीढ़ी के अनुभवों को अविकल रूप में अगली पीढ़ी तक पहुँचाती हैं । इनमें निहित ज्ञान को कोई नष्ट नहीं कर सकता । संक्षेप में पुस्तकों का महत्त्व 
अतुलनीय है। 

Friday, July 12, 2019

स्वामी विवेकानंद जी का पेरक प्रसंग

आप स्वामी जी को जानते ही होंगे। ये उन दि की बात है जब स्वामी जी हिन्दू धर्म के प्रचार के लिए को अमेरिका में थे। वहापे स्वामी जी ने विषधर्म परिषद में जाना था । तभी यह प्रसंग हुआ।  

भ्रमण एवं भाषणों से थके हुए स्वामी विवेकानंद अपने निवास स्थान पर लौटे। उन दिनों वे अमेरिका में एक महिला के यहां ठहरे हुए थे। वे अपने हाथों से भोजन बनाते थे। एक दिन वे भोजन की तैयारी कर रहे थे कि कुछ बच्चे पास आकर खड़े हो गए।

उनके पास सामान्यतया बच्चों का आना-जाना लगा ही रहता था। बच्चे भूखे थे। स्वामीजी ने अपनी सारी रोटियां एक-एक कर बच्चों में बांट दी। महिला वहीं बैठी सब देख रही थी। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ। आखिर उससे रहा नहीं गया और उसने स्वामीजी से पूछ ही लिया- 'आपने सारी रोटियां उन बच्चों को दे डाली, अब आप क्या खाएंगे?'

स्वामीजी के अधरों पर मुस्कान दौड़ गई। उन्होंने प्रसन्न होकर कहा- 'मां, रोटी तो पेट की ज्वाला शांत करने वाली वस्तु है। इस पेट में न सही, उस पेट में ही सही।' देने का आनंद पाने के आनंद से बड़ा होता है।


     

जब एक छिपकली कर सकती है, तो हम क्यों नहीं?

[यह जापान में घटी, एक सच्ची घटना है।]
अपने मकान का नवीनीकरण करने के लिये, एक जापानी अपने मकान की दीवारों को तोड़ रहा था। जापान में लकड़ी की दीवारों के बीच ख़ाली जगह होती हैं, यानी दीवारें अंदर से पोली होती हैं।
जब वह लकड़ी की दीवारों को चीर-तोड़ रहा था, तभी उसने देखा कि दीवार के अंदर की तरफ लकड़ी पर एक छिपकली, बाहर से उसके पैर पर ठुकी कील के कारण, एक ही जगह पर जमी पड़ी है।
जब उसने यह दृश्य देखा तो उसे बहुत दया आई पर साथ ही वह जिज्ञासु भी हो गया। जब उसने आगे जाँच की तो पाया कि वह कील तो उसके मकान बनते समय पाँच साल पहले ठोंका गई थी!
एक छिपकली इस स्थिति में पाँच साल तक जीवित थी! दीवार के अँधेरे पार्टीशन के बीच, बिना हिले-डुले? यह अविश्वसनीय, असंभव और चौंका देने वाला था!
उसकी समझ से यह परे था कि एक छिपकली, जिसका एक पैर, एक ही स्थान पर पिछले पाँच साल से कील के कारण चिपका हुआ था और जो अपनी जगह से एक इंच भी न हिली थी, वह कैसे जीवित रह सकती है?
अब उसने यह देखने के लिये कि वह छिपकली अब तक क्या करती रही है और कैसे अपने भोजन की जरुरत को पूरा करती रही है, अपना काम रोक दिया।
थोड़ी ही देर बाद, पता नहीं कहाँ से, एक दूसरी छिपकली प्रकट हुई, वह अपने मुँह में भोजन दबाये हुये थी - उस फँसी हुई छिपकली को खिलाने के लिये! उफ़्फ़! वह सन्न रह गया! यह दृश्य उसके दिल को अंदर तक छू गया!
एक छिपकली, जिसका एक पैर कील से ठुका हुआ था, को, एक दूसरी छिपकली पिछले पाँच साल से भोजन खिला रही थी!
अद्भुत! दूसरी छिपकली ने अपने साथी के बचने की उम्मीद नहीं छोड़ी थी, वह पहली छिपकली को पिछले पाँच साल से भोजन करवा रही थी।
अजीब है, एक छोटा-सा जंतु तो यह कर सकता है, पर हम मनुष्य जैसे प्राणी, जिसे बुद्धि में सर्वश्रेष्ठ होने का आशीर्वाद मिला हुआ है, नहीं कर सकता!
*कृपया अपने प्रिय लोगों को कभी न छोड़ें!  लोगों को उनकी तकलीफ़ के समय अपनी पीठ न दिखायें! अपने आप को महाज्ञानी या सर्वश्रेष्ठ समझने की भूल न करें! आज आप सौभाग्यशाली हो सकते हैं पर कल तो अनिश्चित ही है और कल चीज़ें बदल भी सकती हैं!*
*आपकी एक छोटी-सी लापरवाही भी, आपके उस प्रिय का दिल तोड़ सकती है, जिसने तमाम अड़चनों और अवरोधों के बावजूद आपको चाहा था!*
कुछ भी कहने से पहले, एक बार जरुर याद रखें कि-
कुछ भी बनाने के लिये पूरा जीवन भी लग सकता है पर उसे तोड़ने में एक पल भी नहीं लगता।
प्रकृति ने हमारी अंगुलियों के बीच शायद जगह भी इसीलिये दी है ताकि हम किसी दूसरे का हाथ थाम सकें!
*आप आज किसी का साथ दीजिये, कल कोई-न-कोई दूसरा आपको साथ दे देगा!*
एक-दूसरे को पसंद कीजिये!

Steve Jobs के Quotes in Hindi

(1) सफलता की ख़ुशी मानना अच्छा है, पर उससे जरुरी है अपनी असफलता से सिख लेना.

(2) जिंदगी के हर पल डॉट्स की तरह है जिन्हें आप भविष्य के लिए जोड़ नहीं सकते, ये सब पल बीत जाने के बाद जब आप अपने भूतकाल को देखोगे तो ये डॉट्स आपको जुड़े हुए दिखेगे.


(3) दिलचस्प विचारो और नई प्रोधोगिकी को कंपनी में परिवर्तन करना जो सालों तक नई खोज करती रहें ये सब करने के लिए बहुत अनुशाशन की आवश्यकता होती है.

(4) कभी कभी जिंदगी आपके सर पर ईट से वार करती है, लेकिन अपना विश्वास न खोए

(5) यदि आप वास्तव में बहुत बारीकी से देखोगे तो आप पाओगे कि रातो रात मिलने वाली अधिकतर सफलताओ में बहुत लम्बा वक्त लगा हैं.

(6)महान लोग और बढ़िया प्रोडक्ट्स कभी नहीं मरते.

(7)मुझे यकीन है कि सफल और असफल उद्यमियों में आधा फर्क तो केवल दृढ विश्वास का ही है।

(8)आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए,अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने इन्ट्यूशन को मत डूबने दीजिए. वे पहले से ही जानते हैं की तुम सच में क्या बनना चाहते हो. बाकि सब गौड़ है.

(9)डीजाइन सिर्फ यह नहीं है कि चीज कैसी दिखती या मह्शूश होती है . डिजाइन यह है कि चीज काम कैसे करती है.

(10)जब आप समुद्री डांकू बन सकते है तो फिर नौसेना में जाने कि क्या ज़रुरत है?
(11)इस बात को याद रखना की मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी ज़िन्दगी  के बड़े निर्णय लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार मौत के बारे में सोचता हूँ तब सारी उम्मीद , सारा गर्व ,असफल  होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है.इस बात को याद करना की एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा  तरीका है.आप पहले से ही नंगे हैं.ऐसा कोई कारण नहीं है की आप अपने दिल की ना सुने.

(12)गुणवत्ता  का मापदंड बनिए.कुछ लोग ऐसे वातावरण के आदि नहीं होते जहाँ उत्कृष्टता की उम्मीद की जाती है.

(13)क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है.

(14)कब्रिस्तान में सबसे अमीर आदमी होना मेरे लिए मायने नहीं रखता. रात में सोते जाते वक़्त कहना आज हमने कुछ शानदार किया है…ये मेरे लिए मायने रखता है.

(15)आपको एक आईडिया, या एक प्रॉब्लम या कुछ गलत जिसे आप सही करना चाहते हैं को लेकर ऐक्साइटेड होना होगा. अगर आप शुरुआत से ही इसे लेकर जुनूनी नहीं हैं तो आप कभी भी उसपर टिके नहीं रह पायेंगे

(16)सरल जटिल से कठिन हो सकता है: सरल करने के लिए आपको कड़ी मेहनत से अपनी सोच साफ़ करनी पड़ती है. लेकिन अंत में ये करना सही रहता है क्योंकि एक बार जब आप ये कर लेते हैं तब आप पहाड़ हिला सकते हैं.

(17)क्रिएटिविटी बस चीजों को जोड़ना है.

(18)लोग सोचते हैं फोकस का मतलब है उन चीजों को हाँ कहना जिनपर आपको फोकस करना है. लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है. इसका मतलब है वहां मौजूद 100 और अच्छी आइडियाज को ना कहना .

(19)महान काम करने का केवल एक ही तरीका है, वो करो जिसे तुम करना पसंद करते हो. अगर तुम्हे अभी तक वो नहीं मिला है, तो खोजते रहो. समझौता मत करो.

(20) मैं सुकरात के साथ एक दोपहर बिताने के लिए अपनी सारी तकनीक दे दूंगा.

(21)महत्वपूर्ण होने के लिए चीजों का दुनिया बदलना ज़रूरी नहीं है.

(22)कभी-कभी जब आप ईनोवेट करते हैं, आपसे गलतियाँ हो जाती हैं. ये सबसे अच्छा है कि आप उन्हें जल्द स्वीकार कर लें, और अपने अन्य इनोवेशन को सुधारने में लग जाएं.

(23)मेरा काम लोगों के साथ सहज होना नहीं है. मेरा काम इन महान लगों को लेना है और उन्हें और भी बेहतर बनने के लिए प्रेरित करना है.

(24)हमें उतनी सारी चीजें करने का मौका नहीं मिलता, और हर किसी को सचमुच ऐक्सिलेन्ट होना चाहिए. क्योंकि ये हमारी ज़िंदगी है.

(25)बिजनेसों में महान चीजें कभी किसी एक आदमी द्वारा नहीं की जाती, वे लोगों की एक टीम के द्वारा की जाती हैं.



              STAY HUNGRY STAY FOOLISH

किताब का जादू

मस्तिष्क का सर्वोत्तम भोजन पुस्तकें हैं । एक विचारक का कथन है कि मानव जाति ने जो कुछ सोचा, किया और पाया है, वह पुस्तकों में सुरक्षित है । मा...